भोपाल। मंगलवार को रात्रि 9 बजकर 32 मिनिट पर सूर्य वृश्चिक से धनु राशि मे जैसे ही प्रवेश करेंगे मलमास प्रारंभ हो जाएगा।सूर्य 14 जनवरी को प्रातः 8 .15 बजे धनु से मकर राशि मे प्रवेश करेंगे। पूरे माह करें ॐ नमो भगवते वासुदेवाय कस जप आचार्य पण्डित अजय दुबे ने बताया कि यह पूरा मास मल, धनुर्मास के नाम से प्रसिद्ध है,इस माह के अधिपति प्रजाके पालक भगवान विष्णु है। पूरे माह देवाराधन,संकीर्तन,कथा,दान,पुण्य व भगवान के द्वादशाक्षर मंत्र ॐ नमो भगवते वासुदेवाय आदि भगवतकार्य से वासुदेव की कृपा प्राप्त होगी । ज्योतिष में धनु व मीन ये दोनों गुरु की राशियां है।सूर्य का जब इन दोनों राशियों प्रवेश होता है गुरु का बल कमजोर हो जाता।गुरु विवाह आदि धार्मिक कार्यों का मुख्य कारक ग्रह माना जाता है, जब देवराज गुरु का बल कमजोर या क्षीण हो जाता है ऐसी स्तिथि में शुभ कार्यों का औचित्य नही रह जाता है। ये दोनों के अधिपति स्वयं वासुदेव है अतः उनकी आराधना उचित ही है 16 दिसम्बर से धनुरमास आरम्भ होगा जो मकर संक्रांति के पूर्व 13 जनवरी तक रहेगा। 14 जनवरी को भगवान भुवन भास्कर जैसे ही शनि प्रधान मकर में प्रवेश करेंगे सभी प्रकार के शुभ कार्यों का सिलसिला प्रारंभ हो जाएगा। तुलसी व पीपल के वृक्ष की करें पूजा व दीपदान मल मास में भगवत्कृपा प्राप्ति हेतु ब काल सर्प दोष,पितृ दोष,मातृ दोष, ग्रहण आदि दोषों में दीपदान का विशेष महत्ब बताया है
इस वर्ष मल माह के साथ ही आगे शुक्र व गुरु का तारा भी अस्त रहेगा ऐसी स्तिथि में विवाह आदि शुभ कार्य अप्रैल 21 के अन्तिम सप्ताह तक नही हो सकेंगे।